गतिविधियाँ
 
 
   
     
 
  सम्पर्क  
सुकेश साहनी
sahnisukesh@gmail.com
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
 
 
 
बीज

कश्मीर सिंह अपने लड़के का मैडीकल करवाने सिवल सर्जन दफ्तर आ पहुंचा। घर से चलने से पहले उसने अपने दोस्त स्वर्ण सिंह को भी संदेश भेज दिया था और वह भी उसे वहीं मिल गया।
कश्मीर सिंह अपने एस.डी.ओ. सिलेक्ट हुए बेटे दिलदार को मैडिकल बोर्ड की तरफ भेज, स्वर्ण के साथ चाय पीने चला गया।
‘‘तेरी तो जिंदगी सफल हो गई कश्मीरे भाई।’’ स्वर्ण ने कहा।
‘‘हा भई, वाह गुरू की मेहर हो गई, सच्चे पातशाह की।’’
‘‘बहुत मुश्किल है आज के जमाने में, क्लास वन गजटेड पोस्ट मिलनी...’’
‘‘मैं तो कई बार सोचता हू, स्वर्ण सिंह, पता नहीं वाहिगुरू का कर्जा कैसे लौटाएँगे। आज, घोर कलयुग के जमाने में, बिना पाई खर्च किए, आसमान पर पहुँचा दिया...’’ कश्मीर सिंह जैसे रब्ब की मेहर के आगे झुका ही जा रहा था।
‘‘वाहे गुरू का शुक्र तो है ही, पर लड़का भी तो लायक है अपना।’’
‘‘इसमें कोई झूठ नहीं, कालेज का बैस्ट एथलीट और बैस्ट ग्रेजुएट।’’ बात करते कश्मीर सिंह का चेहरा लाल हो गया।
इसी तरह बातें करते, खुशी खुशी मैडिकल बोर्ड के कमरे के पास आ खड़े हुए। कश्मीर कह रहा था,’’ वई, मैं तो अरदास करता हूँ वाहगुरू सब के घर बढि़या पौचा ही लगाए।’’
‘‘कश्मीर सिंह का हँसता चेहरा तब पीला पड़ गया, जब दिलदार ने डॉक्टर की रिपोर्ट बताई कि ब्लॅडप्रैशर ज्यादा है।
कश्मीर सिंह को एकदम गुस्सा आ गया, ‘‘ब्लडप्रैशर ज्यादा है? बैस्ट एथलीट! और कह दिया कि ब्लडप्रैशर ज्यादा हैं’’
वह सिवल सर्जन के स्टैनो के पास गया, जो कि उसके ही गाँाव का था।
‘‘कोई नहीं । घबराने की बात नहीं। यह कोई बहुत बड़ा नुक्स नहीं है। मैं करता हूं बात। आप घबराएँ मत। डाक्टर थोड़ा सा लालची है । और कुछ नहीं।’’
स्टैनो मैडिकल वाले कमरे में चला गया। स्वर्ण ने आकर पूछा, ‘‘क्या कहता है?’’
‘‘कहता है, लालची है डाक्टर,..साला..इसलिए ब्लडप्रैशर बढ़ा दिया गया है बात करने।’’
‘‘चल, कोई बात नहीं, ये इस तरह ही करते हैं। पाँच–चार सौ रूपए माँगता होगा। और क्या। मार मुँह पर।’’ स्वर्ण ने कहा।
‘‘पाँच–चार सौ की बात नहीं स्वर्णे। बात यह है कि इसने दिलदार के दिल में बीज गलत बो दिया है, और कुछ नहीं।

°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
 
Developed & Designed :- HANS INDIA
Best view in Internet explorer V.5 and above