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सेल्समेन

प्रशांत ने घड़ी की ओर देखा, दो बज रहे थे। छह बजे सुनील को देखने के लिए कुछ लोग आ रहे थे। लड़के वालों का यह दसवाँ कारवाँ था। इसके पूर्व नौ लड़के वाले वाले सुनीता को देख गए थे, पर बात अभी तक बनी नहीं थी। उसके विवाह को लेकर हो रहे विलम्ब की वजह से घर में खासा तनाव जमा हुआ था। सुंदर और सुशिक्षित सुनीता का स्वयं का मन भी कुंठा से भर गया था।
तभी प्रशांत ने देखा, तिवारी जिस विदेशी पर्यटक जोड़े को ‘डील’ कर रहा था, वह बिना खरीदे ही जा रहा है। प्रशांत सम्पोरियम का सीनियर सेल्समेन था। वाचाल एवं मृदुभाषी विक्रम कला में इस कदर पारंगत कि क्या मजाल जो उसके चंगुल में आ जाने के बाद कोई ग्राहक बिना खरीदे लौट जाए। विदेशी युगल अजन्ता शैली में नृत्य मुद्रा लिए एक अल्हड़ आदिवासी युवती की ब्लैक स्टोन पर उकेरी कलाकृति में रुचि ले रहा था। प्रशांत तेजी से उनके समीप चला आया और अपनी वाक्पटुता का जादू बिखेरते हुए बोला, ‘‘यस सर...दिस डॉल... मेड बाय मनिपुरी फॉक आर्टिस्ट्स! बहुत सुन्दर है सर....वेरी एट्रैक्टिव! लुक एट हर आइज....लाइक डीप ब्लू लगून.....गहरी झील की तरह! हर लिप्स एंड चिक्स...सो सोफ्टी एंड....सिल्की। हर ब्रेस्ट एंड हिप्स....जैसे कोई विविंग विमेन सामने खड़ी हो...।’’
विदेशी युगल प्रशांत की कलात्मक बातों से मुग्ध हो गया और उसने वह डॉल खरीद ही ली।
नियत समय पर लड़के वालों का ग्रुप आया। प्रशांत और उसके पापा–मम्मी ने उन लोगों की आवभगत में पलक पाँवड़े बिछा डाले। परम्परानुसार एक बार फिर सुनीता को वस्तु बनाकर उन लोगों के सामने पेश कर दिया गया। एक–एक करके टीम के सभी सदस्यों की पोस्टमार्टमी नजरें कैक्टसी तासीर लिये उसका नख–शिख मुआयना करने लगीं। एक एक अंग, एक एक अवयय का माप जोख! तरह तरह के उबा देने वाले यक्ष प्रश्न! दो घंटे कब बीत गए पता ही न चला। अंत में जब बिना कुछ प्रतिक्रिया दिए ही वे लोग जाने के लिए उठने लगे तो सभी के चेहरे बुझ गए। प्रशांत के मस्तिष्क में एक धुंध -सीछाने लगी। एक भयानक बवंडर से दिमाग सनासना उठा। न....इस बार वह इन लोगों की ऐसे ही नहीं जाने देगा। धुंध के सम्मोहन से उसे भीतर का विशेषज्ञ सेल्समैन जाग उठता है और वह आगे बढ़ते हुए विक्षिप्त की तरह अपनी पूरी कलात्मक क्षमता का प्रयोग करते हुए बड़बड़ाने लगता है–‘ओह सर....वन्स एगेन ट्राई दिस डॉल! दिस डॉल मेड बाय गॉड हिमसेल्फ! बहुत सुन्दर है सर...वेरी ऐट्रैक्टिव! लुक एट हर आइज़....लाइक डीप ब्लू लगून गहरी झील की तरह। हर लिप्स एंड चिक्स....सो सोफ्टी एंड सिल्की। हर ब्रेस्ट एंड हिप्स....सर! विश्वास करें सर...यह बिल्कुल जीती–जागती विमेन है! माय सिस्टर!
और फिर दोनों हथेलियों से मुंह छिपाकर भरभरा कर वहीं ढेर हो जाता है।

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