राज्य में शेर का शिकार कानूनन अपराध था।
पहले दिन
मंत्रीजी के लाड़ले पुत्र की इच्छा हुई कि शेर का शिकार किया जाये।
दूसरे दिन
उच्चाधिकारियों को इसकी भनक पड़ी।
तीसरे दिन
समाचार पत्र में छपा कि अमुक वन में एक शेर आदमखोर हो गया है। जनता सावधान रहे।
चौथे दिन
जनहित में शेर मार दिया गया।
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