2001 में भारत की जनसंख्या - 102 करोड़,
दस सालों में जन्म दिये- 23 करोड़,
उठाये-5 करोड़,
पडोसी देशों से शरणार्थी आये- 5 करोड़,
2011 में भारत की जनसंख्या 120 करोड़,
5 करोड़ का पता नहीं चला।
ब्रह्मा जी ने भारत सरकार से पूछा कि हमारे खाते में गड़बड़ी आ रही है। आप कुछ मदद कीजिए। भारत सरकार ने मंत्रालय से पूछा। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं पायी गयी। जवाब भेजा गया- हमारे यहाँ कोई गड़बड़ी नहीं हुई हैं। आप अपने एकाउण्ट दुबारा जाँच करायें।
दुबारा निचले स्तर तक जाँच हुई पता चला कि 5 करोड़ भ्रूर्णों को बच्चा बनने से पहले ही मार दिया गया। जिसका हिसाब नहीं रखा गया।
हिसाब क्यों नहीं रखा गया? इसका पता लगाया गया, पता चला कि यह सिस्टम में नहीं था।
भारत सरकार को भी स्थिति से अवगत कराया गया। जवाब आया- हमने तो भ्रूण हत्या के लिये पूरा कानून बना रखा है। कुल भ्रूण हत्या के आपराधिक केस भी 10 सालों में 7,845 दर्ज हैं।ब्रह्मा जी जिन्होंने जन्म ही नहीं लिया। क्यों उनके पीछे पड़े हुए हैं। अच्छा हो जन्म के बाद वालों का ही हिसाब-किताब सही रखा जाये।
ब्रह्मा जी ने पत्र पढ़ा और बुक में चुपचाप फ्लूड लगवा दिया। 10 सालों में जन्म दिये 18 करोड़। और अपने आंकड़े मैच करा लिये।
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