मितराज-अब कैसा लग रहा है मणिकबाबू ?
मणिकबाबू-काफी राहत महसूस हो रही है बहनोई ।
मितराज-दो बज गये है सो जाओ । इतनें में दूल्हे की माँ प्रेमप्यारी आ गयी और बोली ननदोई देवरजी को क्या हो गया?क्यों चले आये बारात छोड़कर?
मितराज-तबियत खराब हो गयी थी जान बचानी थी इसलिये भाग आये ।
प्रेमप्यारी-दवाई ले लेते । औडिहार बाजार तो पास में है लहरौला गाँव से ।
मणिकबाबू-दवाई थी पर रोटी नही थी ना भौजाई।
प्रेमप्यारी-क्या............?
मणिकबाबू-दूल्हा खरीद लिया है दुल्हन के बाप ने मोटी रकम देकर तो भला उसे बारातियों की क्यों फिक्र होगी कोई मरे या जिए ? दूल्हे के बाप को भी तो फिक्र नहीं हुई ना?थी।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°