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लघुकथाएँ - देश - अनिंदिता
सवाल
टीना के दिमाग़ में बहुत देर से एक सवाल कुलबुला रहा था। चाहती तो एक बटन दबाने से उसका काम हो जाता, यानी स्विच ऑन करते ही उसकी विचार -तरंग कुछ ही दूर बैठी उसकी मां के दिमाग़ तक पहुच जाती। लेकिन, कुछ सोचकर उसने अपनी जीभ का ही उपयोग किया। पूछा -‘‘माँ ये दिल क्या है?’’
सवाल नाजुक था और कुछ–कुछ कठिन भी। माँ पहले मुस्कराई,फिर हाथ के इशारे से बताया, ये, यहाँ....
टीना बिना हँसे–मुस्कराए बीच में ही बोली,‘‘ओ! मतलब शरीर का वो हिस्सा जहाँ खून साफ़ होता है और गंदा खून...मा। ने सिर हिलाया और विभोर हो कहने लगी, ‘‘नहीं जहाँ ममता होती है, स्नेह रहता है, सुख–दुख, अच्छे बुरे की अनुभूतियां होती हैं....
टीना ने अविश्वास से माँ को ताका, कहा ‘‘हो ही नहीं सकता, ये सब दिमाग़ में होता है।’’
माँ ने सोचा , बेटी के पास सचमुच दिल नहीं क्या?
टीना ने मन ही मन कहा, बेकार में जीभ का इस्तेमाल किया, बटन ही दबा देती तो.....
 
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