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सुकेश साहनी
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रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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वरदान
वरदान मिल गया। जिसको छूता हथियार में बदल जाता–ए. के. 47, क्लासनीकोव, ग्रेनेड, डाइनामाइट, स्कड, पैट्रियट और जाने क्या–क्या...! एक से एक घातक। दूर से दूर मार करने वाला।
परेशान हो गया।
बीवी को प्यार करना चाहा– तोप में बदल गयी, बोफोर्स, बेटी को छुआ–मिराज बमवर्षक में तब्दील हो गयी। बेटा–पैट्रियट।
कनीजें– पृथ्वी... अग्नि। नौकर–चाकर आक्सीजन सोखने वाले रोबोट!
भूख से बुरा हाल हो गया।
संतरे–सेब बम के गोले बन जाते। रोटी उड़नतश्तरी में बदल जाती। चॉकलेट डाइनामाइट का टुकड़ा बन जाते। पावरोटी विस्फोटक पदार्थ। पानी को छूता पेट्रोल बन बन जाता।
वह दम तोड़ रहा है।
 
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