जब वह आदमी निकट चला आया, तो कुत्ते ने पूछा, ‘‘कौन हो तुम?’’
‘‘सिपाही।’’
सिपाही बोला, ‘‘मैं कुत्ते को पकड़ता हूँ और उन्हें बड़े पिंजरे में डाल देता हूँ।’’
‘‘क्यों?’’
‘‘कुत्ते भूँकते हैं। इससे जनतन्त्र के सत्ताधिकारियों की चैन में बाधा होती है। उनके सुनहरे सपनों में खलल पहुँचता है।’’
‘‘लेकिन कुत्ते तो भूँककर लोगों को चोरों से आगाह करते हैं। जगाते हैं।’’
‘‘सत्ताहीन सोचते है, लोगों को जागना नहीं चाहिए। जागा आदमी उनके लिए खतरा हो सकता है।’’
‘‘क्या वे अपने को चोर समझते हैं?’’
‘‘भूँको नहीं। ज्यादा भूँकने वाला उनकी नजर में पागल होता है। मुझे आदेश है, पागल कुत्ते को गोली मार दो।’’
और उसने आदेश का पालन किया।
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