गतिविधियाँ
 
 
   
     
 
  सम्पर्क  
सुकेश साहनी
sahnisukesh@gmail.com
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
 
 
 
‘मंगलवारी–दीवारी’ और गोबरगंडा की दरखास्त
‘‘मास्साब! बीड़ी जोरि लेऊ’’, ‘बुड्डे–मास्टर’ से रोज कहता था गोबरगंडा। केवल मास्टरों से ही करता था राम–राम। असली नाम वही, माई–बाप ने रखा होगा। बहरहाल, इसी नाम से जानते थे हम सब उसे। सामने वाले ‘पुरा’ का तो है ही गोबरगंडा का परिवार। खेत की मेड़ पर एक छोटे से झाड़ीनुमा पेड़ के नीचे सारी दुपहरिया पड़ा रहता गोबरगंडा। खेत की सीमा देखता था एक लापरवाह प्रहरी की तरह। चौपाए कहाँ तक जाएँगे?, जहाँ तक गोबरगंडा की निगाह। उसकी साठोत्तरी काया से चारों बेटों को अब कोई प्रयोजन नहीं। शायद, यही रहस्य रहा होगा उसके नाम का। कोई उसे अर्धविक्षिप्त समझता तो कोई बेकार, रोटी आ गई तो खा लेता। कभी–कभी ‘मिरगी’ भी आती है उसे, ऐसा लोग कहते थे। ‘बाजार ते पानी ना लाए का?’ (शहर की तरफ से बादल नहीं लाए क्या?) गोबरगंडा पूछता मास्टरों की लाइन से। पिछले कुछ सालों में बहुत कम हुई थी बरसात। चम्बल के भरको को अधिक गहरा और भुरभुरा कर दिया था गरमी ने। ‘कारो खेत.....किसीकिसी माटी.....’ गाता रहता था गोबरगंडा। कहता, ‘तुमाए बूते की ना हति मास्साब, मैंई लगागों दरखास’ (आपके बस की बात नहीं मास्टर साहब!, पानी के लिए आवेदन मैं ही लगाऊँगा), ‘जा साल तो परेगो मास्साब, नई परेगो का?’ (इस वर्ष तो पानी बरसेगा, नहीं बरसेगा क्या?)
एक दिन की बात। सूखी–सी पोखर के एक चुल्लू पानी में धँसा हुआ मुँह, शौच धोने के प्रयास में अर्धनग्न, उलटा गोबरगंडा मृत पाया गया। पहले भी कई बार उसे आग और पानी में कूदते हुए बचाया गया था। फिर ‘मिरगी’ का दौरा पड़ा था। उसके ‘पुरा’ से दौड़ पड़े उसके कथित–परिजन, उसके चारों पुत्रों ने कितनी बोरी शक्कर गलाई गोबरगंडा की तेरहवीं में, पता नहीं। खेत के चार हिस्से जरूर हो गए हैं। चारों बेकार पड़े हैं। चारों लड़के जमके दारू पीते हैं। खैर,....साल अच्छा पानी बरसा। पिछले अर्धदशक से भी ज्यादा का रिकार्ड ध्वस्त हो गया। अच्छी फसल हुई किसान की दीपावली अच्छी मनी। पंडित जी इसका कारण सुना रहे थे, मंगलवारी होय दिवारी, हँसे किसान रोय व्यापारी’ (मंगलवार की दीपावली हो तो किसान के लिए समृद्धिसूचक और वाणिच्य–बाजार के लिए घातक है)। दुनिया के बाजार की मंदी ने शायद यह लोकवाणी सचकर दिखाई। पर मुझे फिर भी लगता है उस पागल–से गोबरगंडा के ऊपर जाकर शिकायत जरूर की।
 
Developed & Designed :- HANS INDIA
Best view in Internet explorer V.5 and above