"किस का फोन था सोनाली ?"
"लखनऊ से मम्मी का था . कल घर पहुँचने को कहा है "
"क्या कोई खास बात है ?....वहां सब ठीक तो है ?"
"हाँ सब ठीक है .कहीं शादी कि बात चल रही है .मुझे कोई देखने आने वाला है ....इसी लिए बुलाया है .
"लड़का क्या करता है ?"
"पता नहीं .मुझे यह देखने दिखाने का सिलसिला बहुत ख़राब लगता है ...."
दो दिन बाद सोनाली के लौटने पर महिमा ने पूछा --"देखना दिखाना हो गया ...लड़का क्या करता है ?"
"पुलिस में है ...मुझे पुलिस वालों से बहुत डर लगता है .रोज इन लोगों के नए नए कारनामे पेपर में पढ़ने को मिलते हैं”
महिमा ने छेडा __"सैयाँ भये कोतवाल तो डर काहे का.पिता क्या करते है ?"
" विधायक है "
"यह तो सोने मै सुहागा हो गया ....बात पक्की होगई ?
"अभी नहीं ,वह लोग घर जा कर जवाब देगें.भगवान करे वहां से न आजाए.मै इनकार करुँगी तो मम्मी पापा को अच्छा नहीं लगेगा क्यों कि उन्हें यह रिश्ता पसंद है
"तुझे यह रिश्ता पसंद क्यों नहीं है ?"
"एक तो करेला वो भी नीम चढ़ा."
"तू ऐसा क्यों कह रही है ?"
"तो और क्या कहूँ ?लड़का पुलिस में है और पिता राजनीति मै "
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