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लेकिन इस बार
यह पता चलने पर कि उनकी लड़की किसी लड़के से मेल–जोल रखती है, वे उस पर बहुत गुस्सा हुए और उन्होंने उसे उस लड़के से फिर भी कभी न मिलने की कड़ी चेतावनी दी। उन्हें यह पता नहीं चला कि लड़का अच्छे घर का, सभ्य सुसंस्कृत और पढ़ा–लिखा है। उन्होंने पता करने की कोशिश की भी नहीं।
कुछ दिनों बाद उन्हें फिर पता चला कि लड़की लड़के से मिलती है। इस बार वे और भी अधिक गुस्सा हुए और उन्होंने उसके हाथ पैर तक तोड़ डालने की धमकी दी। उन्हें यह पता चला कि लड़की लड़के के घर भी जाती है और लड़के के घरवाले भी उसे पसन्द करते हैं। उन्होंने पता करने की कोशिश की भी नहीं।
इसके बाद भी उन्हें खबर मिली कि लड़की ने उनकी बात नहीं मानी है। इस बार उन्होंने लड़की को उसका गला काट डालने की धमकी दी और कहा कि उसका घर से निकलना बन्द कर दिया जाएगा। उन्हें यह पता नहीं चला कि लड़की अठारह साल की अवस्था पार कर चुकी है और लड़के की नौकरी लग चुकी है। उन्होंने पता करने की कोशिश की भी नहीं ।
एक दिन लड़की ने उनसे कहा कि लड़के के पिता उनसे मिलना चाहते हैं। उन्होंने लड़की की जीभ खींच लेने की बात कहते हुए जमकर उसकी ठुकाई की और अपनी नाक पर बैठी मक्खी को उड़ाते हुए उसे अपनी आँखें भी लाल–लाल करके दिखाई। उन्होंने नहीं अनुभव किया कि ऐसा करने से लड़की को दुख हुआ है। उन्होंने अनुभव करने की कोशिश की भी नहीं।
अगले दिन उन्हें पता चला कि उनकी लड़की अब उनके घर नहीं लौटेगी; क्योंकि लड़की उनके घर नहीं आई, अत: वे उसे कोई धमकी या चेतावनी नहीं दे सके। उनकी नाक पर बैठी मक्खी ने बहुत जोर से उनकी नाक पर काटा। उन्होंने उसे मारने के लिए जोर से अपना हाथ नाक पर मारा, लेकिन चोट फिर भी उन्हीं को लगी और मक्खी उन्हें मुँह चिढ़ाने जैसे अंदाज में दूर उड़ गई। उन्हें पता नहीं चला कि उनकी लड़की अब बहुत सुखी है। लेकिन इस बार उन्होंने यह जानने की कोशिश की और लड़के वालों के घर का पता पूछते हुए उनका घर ढूँढ़ने के लिए चल दिए।
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