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लघुकथाएँ - देश - भारत यायावर
काम

‘‘बाबू!’’
‘‘जा भाग, साले पैदा हुए लगे माँगने भीख ।’’
‘‘बाबूजी, बहुत भूखा हूँ....’’
‘‘बहुत भूखा है?’’
‘‘हाँ!’’
‘‘खाना खाएगा?....चल मेरे साथ। तुझे रोटी दूँगा, पर तुझे काम करना होगा। बोल, करेगा काम?’’
‘‘अरे छोड़ो भाई, इन लोगों को मुँह क्यों लगाते हो? कुछ देकर चलता करो!’’
‘‘हाँ, साब!’’
‘‘क्या?’’
‘‘चलता करो। मेरा धंधा खराब हो रहा है। बहुत टैम लग गया।’’
‘‘तो तुम भीख माँगोगे, पर काम नहीं करोगे?’’
‘‘वाह साब, तो यह काम नहीं है?’’

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