गुड़गाँव : हरियाणा साहित्य अकादमी पंचकूला एवं शब्द–शक्ति साहित्यिक संस्था गुड़गाँव के संयुक्त तत्त्वावधान में स्थानीय एस.डी.बाल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के हॉल में लघुकथा उत्सव–2011 का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ आर्य उच्च विद्यालय बादशाहपुर की छात्राओं द्वारा संगीतमय सरस्वती वन्दना से हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्ष एवं हरियाणा साहित्य अकादमी की निदेशक डॉ0 मुक्ता ने कहा कि लेखक को केवल लिखने के लिए नहीं लिखना चाहिए, लेखक वह लिखे ,जिसे लिखे बिना रहा न जाए। डॉ0 मुक्ता ने आगे कहा कि आज के बदलते परिवेश में लेखक की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है। लेखक को सदैव सज़ग और जाग्रत रहना होगा तभी हमारा देश और समाज जाग्रत रह सकेगा । उन्होंने कहा कि अकादमी नए और स्थापित लेखकों के लिए नए कार्यक्रम व नई परंपराएँ विकसित करने जा रही है। देश के जाने माने लघुकथाकार एवं समीक्षक तथा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री रामेश्वर काम्बोज हिमांशु ने अपने विस्तृत वक्तव्य में कहा कि लघुकथा के मूल में संवेदना है। लघुकथा में व्याख्या की आवश्यकता नहीं होती । उन्होंने आगे कहा कि घटनाएँ लघुकथा के लिए कच्चा माल हैं , खुद में लघुकथा नहीं हैं ।सार्थक तराश के बाद ही घटना या घटनाएँ लघुकथा बन सकती हैं। सीमित शब्दावली और सांकेतिक भाषा का प्रयोग लघुकथा को बेहतर बनाती हैं। श्री काम्बोज ने लघुकथा के शीर्षक, विषय, कथ्य, शिल्प आदि पर विस्तार से अपनी बात को विभिन्न लघुकथाओं के वाचन से स्पष्ट किया । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री मुकेश शर्मा ने कहा कि सपाट बयानी से ऊपर उठ कर शिल्प और कलात्मकता की अनुभूति हो तभी लघुकथा होती है। श्री मुकेश शर्मा ने अपनी लघुकथा ’सारी रात’ के पाठ के अलावा कुछ अन्य प्रसिद्ध लेखकों की लघुकथाएँ मंच से पढ़ी । प्रसिद्ध लघुकथाकार कृष्णलता यादव ने ’अपने–अपने घेरे’, ’खिलाफत’, ’एक प्रश्न’ जैसी जमीन से जुड़ी लघुकथाओं का पाठ कर श्रोताओं को झकझोर दिया । वरिष्ठ साहित्यकार नरेन्द्र लाहड़ ने ’समाधान’, ’संस्कारों का प्रभाव’ का पाठ किया । सुरेखा शर्मा ने ’मॉ की नवरात्र पूजा’ तथा ’श्रद्धा’ श्रीमती वीणा अग्रवाल ने ’हैसियत’, सरिता शर्मा ने ’कमजोर’, घमंडीलाल अग्रवाल ने ’यह कौन’, ’नि:सन्तान’, नरेन्द्र गौड़ ने ’टॉगों का दु:ख’, ’कलम का सहारा’, श्रीमती कृष्णा जैमिनी ने ’रिश्वत’ लघुकथा का पाठ किया ।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में प्रसिद्ध बाल साहित्यकार घमंडीलाल अग्रवाल की पुस्तक ’आँसू का अनुवाद’ का लोकार्पण किया गया । इस अवसर पर शहर के प्रसिद्ध व्यापारी श्री अरुण माहेश्वरी ने आय के सीमित साधनों के बावजूद शब्द–शक्ति साहित्यिक संस्था का संयोजन व संचालन करने वाले संस्था के संस्थापक अध्यक्ष श्री नरेन्द्र गौड़ तथा 45 पुस्तकों के रचयिता व गुड़गाँव को पहचान देने वाले प्रसिद्ध साहित्यकार घमंडीलाल अग्रवाल को सम्मानित किया । कार्यक्रम में डॉ0 योगेश वशिष्ठ, बनवारी लाल सिंगला, डॉ0 पुष्पा अंतिल, हरीन्द्र यादव, मंजीत कौर, सुनीता नासा, सुनील यादव, अनिल श्रीवास्तव, सतीश मराठा, सुरेन्द्र शर्मा आदि कवि एवं साहित्यकार उपस्थित थे । विद्यालय के प्राचार्य एवं कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष श्री आर.पी. शर्मा ने सभी उपस्थित श्रोताओं तथा मुख्य अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया ।
प्रस्तुति-नरेन्द्र कुमार गौड़
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