दूसरे सत्र विचार विमर्श में डॉ. अनीता राकेश (छपरा),उज्ज्वला केलकर (मुम्बई), डॉ. सिद्धेश्वर कश्यप (मधेपुरा)और जीतेन कुमार वर्मा (वर्धमान) द्वारा लघुकथा विषयक आलेख पढ़े गए तथा उन पर सुकेश साहनी, नचिकेता, डॉ. रामदेव प्रसाद, डॉ. यशोधरा राठौर इत्यादि ने अपने सार्थक विचार रखते हुए आलेखों की प्रशंसा की।
तीसर सत्र में लघुकथा पाठ हुआ, जिसमें तेईस कथाकारों ने लघुकथा पाठ किया। पठित लघुकथा पर डॉ. मिथिलेश अवस्थी, नृपेन्द्र नाथ गुप्त, नचिकेता, अनीता राकेश इत्यादि ने सार्थक टिप्पणी करते हुए पठित लघुकथाओं पर न केवल संतोष जताया अपितु प्रशंसा व्यक्त की कि इस विधा हेतु यह शुभ संकेत है कि इस प्रकार की श्रेष्ठ लघुकथाएँ आज प्रकाश में आ रही है। जो लघुकथा के उज्जवल भविष्य की ओर संकेत करती है।
सम्मेलन के प्रथम तीन सत्रों का कुशल संचालन डॉ. सतीशराज पुष्करणा ने किया तथा कवि सम्मेलन का संचालन कविवर राजकुमार प्रेमी ने किया। प्रचार मंत्री वीरेन्द्र भारद्वाज के धन्यवाद ज्ञापन के साथ चौबीसवाँ अखिल भारतीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
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