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हिन्दी लघुकथा ‘यू टयूब’ पर, छोटे बड़े सपने : रामेश्वर काम्बोज
कथादेश लघुकथा प्रतियोगिता के परिणाम घोषित।

1-हिन्दी लघुकथा ‘यू टयूब’ पर, छोटे बड़े सपने : रामेश्वर काम्बोज

http://youtu.be/ai-TZINpsy0


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2-कथादेश लघुकथा प्रतियोगिता के परिणाम घोषित।

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22वाँ अंतर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन पंधेर (अमृतसर) में सम्पन्न

पंजाबी त्रैमासिक ‘मिन्नी’ की ओर से ‘22वाँ अंतर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन’ श्री गुरू रामदास कॉलेज ऑफ नर्सिंग, पंधेर (अमृतसर, पंजाब) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में अनेक राज्यों से नामवर लघुकथा लेखकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का प्रथम सत्र सायं 4.30 बजे प्रारंभ हुआ। इस सत्र की अध्यक्षता सर्वश्री रामेश्वर काम्बोज हिमांशु, भगीरथ, डॉ. बलराम अग्रवाल, सुरिंदर कैले व प्रिंसीपल हरजिंदर पाल कौर कंग ने की।
डॉ. श्याम सुन्दर दीप्ति ने पत्रिका ‘मिन्नी’ के 25 वर्ष के सफर तथा वर्तमान पंजाबी लघुकथा की स्थिति पर अपने विचार प्रकट किए। तदुपरांत पंजाबी साहित्य अकादमी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. अनूप सिंह ने पंजाबी लघुकथा के रूप-पक्ष में पिछले चालीस वर्षों के दौरान आए बदलाव पर अपना आलेख पढ़ा। उन्होंने वर्ष 1972 से 1988, 1989 से 2000 तथा 2001 से 2012 के दौरान लिखी गईं रचनाओं में रूप के पक्ष से हुए बदलाव पर विस्तार से अपने विचार रखे। डा. कुलदीप सिंह दीप ने अपने आलेख ‘मिन्नी कहानी के चार दशकः विषयगत विस्तार एवं संभावनाएँ’ पढ़ा। उन्होंने विषयवस्तु, शैली, शिल्प व प्रस्तुति को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि पंजाबी लघुकथा सामाजिक सरोकारों, बालमनोविज्ञान, दलित चेतना, वैश्वीकरण जैसे विषयों को अपने में समाए हुए है। दोनों आलेखों पर हुई बहस में सुभाष नीरव, सुरिंदर कैले व सुकेश साहनी ने भाग लिया।
इस सत्र में पत्रिका ‘मिन्नी’ का अंक-101, पंजाबी के तीन लघुकथा संग्रह ‘मिन्नी कहानी दे चार दहाके’ (सं. डॉ. दीप्ति, अग्रवाल, नूर), ‘रिश्तिआँ दी नींह’ (जगदीश राय कुलरियाँ), ‘मेरी सरघी’ (हरजिंदर पाल कौर कंग), उपन्यास ‘सन संताली तों बाद’ (बिक्रमजीत नूर) तथा स्व. अनवंत कौर का कहानी संग्रह ‘मारूथल दे रुख’ का विमोचन किया गया।
इसी सत्र में पंजाबी लघुकथा साहित्य में विशेष योगदान के लिए हमदर्दवीर नौशहरवी को ‘गुरमीत हेअर स्मृति सम्मान’, डॉ. कर्मजीत नड़ाला को ’किरण अग्रवाल स्मृति सम्मान’ तथा प्रीत नीतपुर को ‘प्रिं. भगत सिंह सेखों स्मृति सम्मान’ से नवाजा गया। मिन्नी कहानी लेखक मंच, अमृतसर की ओर से आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता के विजाताओं जसबीर ढंड(प्रथम), रशीद अब्बास(द्वितीय), मंगत कुलजिंद(तृतीय), सुखचरन सिंह सिद्धू(विशेष), साधूराम लंगेआना(विशेष), बूटाराम माखा, जसकरन लंडे, बलवॆंत कौर चाँद, अमरजीत कौर(प्रोत्साहन) को भी पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस सत्र का मंच संचालन डॉ. श्याम सुन्दर दीप्ति ने किया। अंत में श्याम सुन्दर अग्रवाल ने पधारे लेखकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
रात्रि भोज के पश्चात लघुकथा सम्मेलन का रचना-पाठ व विचार-विमर्श सत्र- ‘जुगनुआँ दे अंगसंग’ आरंभ हुआ। इस सत्र का संचालन जगदीश राय कुलरियाँ ने किया। इस सत्र में राधेश्याम भारतीय (करनाल), भगीरथ (रावतभाटा), बलराम अग्रवाल (दिल्ली), रामेश्वर काम्बोज हिमांशु, (नई दिल्ली), सुकेश साहनी (बरेली), सुभाष नीरव (नई दिल्ली), अशोक दर्द (डल्हौजी) ने हिंदी में लघुकथाएँ पढ़ीं। पंजाब के विभिन्न जिलों से पधारे लेखक/लेखिकाओं गुरमीत सिंह विरदी, अमृतलाल मन्नन, अमरजीत कौर हरड़, रणजीत आज़ाद काँझला, अमर अरमान, बूटा सिंह, सुखचरन सिंह सिद्धू, राजदेव कौर सिद्धू, दविंदर पटियालवी, महिंदर पाल मिंदा, अजीत सिंह नवीपुरी, हरप्रीत सिंह राणा, रघबीर सिंह महमी, हरभजन खेमकरनी, हरजिंदर पाल कौर कंग, लखबीर सिंह बंडाला, सुरिंदर कैले, हमदर्दवीर नौशहरवी, बिक्रमजीत नूर, जगदीश राय कुलरियाँ, श्याम सुन्दर अग्रवाल व डॉ. श्याम सुन्दर दीप्ति द्वारा पंजाबी में लघुकथा पाठ किया गया। पढ़ी गई एक-एक रचना पर वरिष्ट लेखकों द्वारा विचार विमर्श किया गया। यह सत्र रात के एक बजे के बाद समाप्त हुआ। प्रिं. हरजिंदर पाल कौर कंग ने सभी लेखकां का सम्मेलन में पधारने के लिए धन्यवाद किया।
श्रीगुरु रामदास नर्सिंग इंस्टीट्यूट, पंधेर की और से किया गया सम्मेलन का प्रबंध बहुत ही सराहनीय रहा।

ई-मेल-laghukatha89@gmail.com

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