गतिविधियाँ
 
 
   
     
 
  सम्पर्क  
सुकेश साहनी
sahnisukesh@gmail.com
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
 
 
 
लघुकथाएँ - देश - अशोक गुजराती
चित-पट


इंस्पेक्टर ने अपने अफसर के आदेशानुसार दो दिन की कड़ी मेहनत के बाद सारे सबूत इकट्ठे कर लिए थे। वह रामलाल जी के घर पहुंचा उन्हें गिरफतार करने। रामलाल जी उस कस्बे में विपक्ष के एक बड़े नेता थे।
रामलाल जी ने एक दिन फोन करने की अनुमति मांगी। खुद थोड़ी देर बात करने के बाद इंस्पेक्टर को यह कहते हुए फोन पकड़ाया-"पुलिस कमिशनर…."
"सर, मैं इंस्पेक्टर काटे।"
"काटे, रामलाल जी को छोड़ दो।"
"लेकिन सर, आपने ही तो…."
"तुमने शायद आज का अखबार नहीं देखा।"
"जी हां…न…नहीं…वो क्या…"
"रामलाल जी अब सत्ता-पक्ष में आ गए है।"

°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°

 
Developed & Designed :- HANS INDIA
Best view in Internet explorer V.5 and above