गतिविधियाँ
 
 
   
     
 
  सम्पर्क  
सुकेश साहनी
sahnisukesh@gmail.com
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
 
 
 
हाइ दाइक्वान
हंस और मेघ
नीले आसमान में मेघ की भेंट हंस से हुई। मेघ ने आत्मतुष्टि के भाव से हंस से कहा, ‘‘तुमने गौर किया होगा, मेरे दोस्त,तुममें और मुझमें कितनी समानता है। हम दोनों यहाँ नीले आकाश में उड़ते हैं।’’
‘‘ऐसे नहीं है,’’’ हंस ने जवाब दिया। ‘‘हम समान नहीं हैं। मैं हवा के खिलाफ चलता हूँ; तुम उसके साथ प्रणय–सूत्र में बँध गए हो।’’
 
Developed & Designed :- HANS INDIA
Best view in Internet explorer V.5 and above