गतिविधियाँ
 
 
   
     
 
  सम्पर्क  
सुकेश साहनी
sahnisukesh@gmail.com
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
 
 
 
लघुकथाएँ - देशान्तर - लियो तोल्स्तोय
तकरार
राह से गुजरते दो मुसाफिरों को एक किताब पड़ी दिखाई दी। किताब देखते ही दोनों इस बात पर तकरार करने लगे कि किताब कौन लेगा।
ऐन इसी वक्त एक और राहगीर वहाँ आ पहुँचा। उसने दोनों को इस हालत में देखकर कहा, ‘‘भाई,यह बताओ, तुम दोनों में पढ़ना कौन जानता है?’’
‘‘पढ़ना तो किसी को नहीं आता।’’ दोनों ने एक साथ जवाब दिया।
‘‘फिर तुम इस किताब के लिए तकरार क्यों कर रहे हो...। तुम्हारी लड़ाई तो ठीक उन गंजों जैसी है जो कंघी हथियाने के लिए पुरजोर कोशिश में लगे हैं....जबकि कंघी फिराने के लिए उनके सिर पर बाल एक भी नहीं है।’’
-0-
 
 
Developed & Designed :- HANS INDIA
Best view in Internet explorer V.5 and above