ज्वाराज के रब्बी वुल्फ की पत्नी ने एक दिन अपनी नौकरानी पर इल्ज़ाम लगाया कि उसने उनके र से एक कीमती बर्तन चुराया है।
नौकरानी से पूछा गया तो उसने चोरी से इनकार किया।
रब्बी को उसके निर्दोष होने का विश्वास था, लेकिन उसकी पत्नी को विश्वास न हुआ आखिर उसने कहा कि वह अदालत में जाकर नौकरानी को सजा दिलाएगी।
जब वह जाने के लिए तैयार हो रही थी, तो रब्बी भी तैयार होने लगा। पत्नी ने यह देखा तो पति से कहा, ‘‘आपके जाने की जरूरत नहीं है। मैं खुद ही बात कर लूँगी। अदालत के कायदे कानून मैं जानती हूँ।’’
‘‘बेशक, तुम जानती हो’’, रब्बी ने कहा, ‘‘लेकिन हमारी गरीब नौकरानी नहीं जानती। मैं उसकी ओर से जा रहा हूँ। मेरे होते हुए बेइन्साफी कैसे हो सकती है।’’
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