मैं अचानक उस अंगूर बेचनेवाले बच्चे के सिर पर आ खड़ा हुआ। ‘‘क्या भाव है?’’ बच्चा चौंक पड़ा और उसके मुँह की तरफ उठते हुए हाथ से अंगूर के दो दाने गिर गए। ‘‘नहीं साहब! मैं खा नहीं रहा था.....।’’
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