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सुकेश साहनी
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धर्म-निरपेक्ष

शहर में दंगा हो गया था। घर जलाए जा रहे थे। छोटे बच्चों को भालों की नोकों पर उछाला जा रहा था। वे दोनों चौराहे पर निकल आए। आज से पहले उन्होंने एक-दूसरे को देखा न था। उनकी आँखों में खून उतर आया। उनके धर्म अलग-अलग थे। -
पहले ने दूसरे को मां की गाली दी, दूसरे ने पहले को बहिन की गाली देकर धमकाया। दोनों ने अपने-अपने छुरे निकाल लिए। हड्डी को चिचोड़ता पास में खड़ा हुआ कुत्ता गुर्रा उठा। वे दोनों एक-दूसरे को जान से मारने की धमकी दे रहे थे। हड्डी छोड़कर कुत्ता उनकी ओर देखने लगा।
उन्होंने हाथ तौलकर एक-दूसरे पर छुरे का वार किया। दोनों छटापटाकर चौराहे के बीच में गिर पड़े। ज्ञमीन खून से भीग गई।
कुत्ते ने पास आकर दोनों को सूँघा। कान फड़फड़ाए। बारी-बारी से दोनों के ऊपर पेशाब किया और फिर सूखी हड्डी चबाने में लग गया।


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