गतिविधियाँ
 
 
   
     
 
  सम्पर्क  
सुकेश साहनी
sahnisukesh@gmail.com
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
 
 
 
लघुकथाएँ - देश - नीरज नैथानी
रक्षक

‘‘साब, हम लोगों ने जंगल में दो शिकारियों को बन्दूक सहित गिरफ्तार किया है। उनके पास से मारा गया एक हिरन भी बरामद हुआ है। अब आपका हमारे लिए क्या हुक्म है?’’ वन रक्षक ने अधिकारी से पूछा।
‘‘गुड! वन अधिकारी ने कहा,,’’ फिलहाल उन दोनों को वन चौकी के लाक–अप में डाल दो। फिर वन्य प्राणी अधिनियम के अन्तर्गत उनपर गम्भीर धाराएँ लगाकर मुकदमा चलेगा तथा कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
‘‘और....साब, उस मारे गए हिरन का क्या किया जाए....?’’ वनरक्षक, ने मुस्कुराते हुए पूछा। ‘‘अब ये भी मैं बताऊँगा ” साहब ने आँखें निकालीं...’’
ठीक से काँट–छाँट कर कुछ गोश्त तो यहाँ पहुँचा देना तथा बाकी तुम सब आपस में बाँट लेना। हाँ, ध्यान रहे, उसकी खाल सँभाल के उतारना, वह खराब नहीं होनी चाहिए। मैंने पंडित जी को पूजा के आसन के लिए एक सुन्दर मृगछाला देने का वचन दिया हुआ है।’’

°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°

 
Developed & Designed :- HANS INDIA
Best view in Internet explorer V.5 and above