‘‘ए रफीक भाई! सुनो....उत्पादन से भरपूर थकान की खुमारी लिए रात मैं घर पहुँचा तो मेरी बेटी ने एक कहानी कही, ‘एक लाजा है, वो बोत गलीब है।’ ’’
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