गतिविधियाँ
 
 
   
     
 
  सम्पर्क  
सुकेश साहनी
sahnisukesh@gmail.com
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
 
 
 
लघुकथाएँ - संचयन - सतीश राठी
आग्रह

‘‘सुनो, माँ का पत्र आया है। बच्चों सहित घर बुलाया है....कुछ दिनों के लिए घर हो आते हैं। बच्चों की छुट्टियाँ भी हैं।’’ पति ने कहा।
‘‘मैं नहीं जाऊँगी उस नरक में सड़ने के लिए। फिर तुम्हारा गाँव तो गंदा है ही, तुम्हारे गाँव के और घर के लोग कितने गंदे हैं।’’ पत्नी ने तीखे और चिड़चिड़े स्वर में उत्तर दिया।
‘‘मगर तुम पूरी बात तो सुनो।’’ पति कुछ हिसाब लगाते हुए बोले, ‘‘माँ ने लिखा है कि बहू आ जाएगी तो बहू को गले की चेन बनवाने की मेरी इच्छा है। इस बार फसल भी अच्छी है।’’
‘‘अब आप कह रहे हैं और माँ का इतना आग्रह है तो चलिए, मिल आते हैं। और हाँ....फसल अच्छी है तो माँजी से कहकर दो बोरे गेहूँ भी लेते आएँगे।’’ पत्नी ने उल्लास के स्वर में कहा।

*******

 
Developed & Designed :- HANS INDIA
Best view in Internet explorer V.5 and above