गतिविधियाँ
 
 
   
     
 
  सम्पर्क  
सुकेश साहनी
sahnisukesh@gmail.com
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
 
 
 
व्यवस्था का राजदार
प्रथम श्रेणी के डिब्बे के 'सी' कक्ष के द्वार खोलकर युवती ने देखा कि एक बर्थ पर पुलिस-कांस्टेबल लेटा हुआ है, दूसरी पर एक बच्ची के साथ एक वयोवृद्ध भद्र पुरुष अधलेटे-से कुछ पढ़ रहे हैं। उसने उन भद्र पुरुष के पास जाकर कहा, "कृपया जरा ठीक से बैठिए। इस बर्थ पर तीन व्यक्ति बैठ सकते हैं।"
भद्र पुरुष ने पुस्तक से दृष्टि उठाकर युवती की ओर देखा:पूछा, "और उस बर्थ पर कितने बैठ सकते हैं? "
सहज भाव से युवती बोली, "व्यवस्था का कोई राजदार नहीं होता।"

*******

 
Developed & Designed :- HANS INDIA
Best view in Internet explorer V.5 and above