गतिविधियाँ
 
 
   
     
 
  सम्पर्क  
सुकेश साहनी
sahnisukesh@gmail.com
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
 
 
 
पहली बार

चिड़िया ने देखा कि बाज अपने पंख फैलाए, गोली–की–सी तेजी से उसी की ओर उड़ा चला आ रहा है। दो–चार क्षणों में ही वह उसे अपने पंजों में दबोच कर अपना भोजन बना डालेगा। अचानक उसके मन में आया कि उसे बाज का भोजन बनना ही है, तो फिर क्यों न वह उसका मुकाबला करती हुई भोजन बने। उसके खुद को बचाने के लिए विपरीत दिशा में उड़ने की अपेक्षा सीधे बाज की ओर उड़ना शुरू किया, मानों वह सीधे उसी से जा टकराएगी। उसने अपनी चोंचे आगे को निकाली हुई थी। बाज ने ज्यों ही चिड़िया को गोली–की–सी तेजी से अपनी ओर झपटते देखा तो पहली बार, क्षण भर के लिए उसे अपने दिल में एक कँपकँपी–सी महसूस हुई।
अप्रत्याशित खतरे की आशंका से वशीभूत बाज ने न चाहते हुए भी अपना रास्ता बदल लिया और दूर कहीं उड़ गया। चिड़िया ने जब बाज को किसी कायर की तरह भागते हुए देखा तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसने मन ही मन निश्चय किया कि बाज से बच निकलने का यह अनोखा तरीका बाकी सभी चिड़ियों को भी बतलाएगी। इसीलिए वह दूर उड़ती चिड़ियों के झुंड की ओर उड़ चली।


*******

 
Developed & Designed :- HANS INDIA
Best view in Internet explorer V.5 and above