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तोहफा

नींद की खुमारी में वह पूरी तरह डूबता कि तभी बगल में लेटी पत्नी ने उसे हल्का सा झिंझोड़ दिया,’’ सुनो, तुम्हें पता है, कल कौन सा दिन है?’’
‘‘ऊहँ... जो भी दिन होगा, अच्छा ही होगा, पर इस समय तो सोने दो....।’’
‘‘ऊहूँ...मुँह इधर करो न...अभी तो ग्यारह ही बजे हैं और तुम हो कि...।’’ पत्नी ने जबर्दस्ती उसे अपनी ओर खींचा तो न चाहते हुए भी उसे अपनी नींद से बोझिल पलकों को खोलना ही पड़ा, ‘‘अच्छा बाबा बताओ....क्या है कल....?’’
‘‘कल...कल नए साल का पहला दिन है न....।’’
‘‘हाँ है तो..... वह तो हर साल होता है....इसमें नई बात क्या है....? खामख्वाह नींद खराब कर दी....।’’ उसके चेहरे पर हल्का क्रोध उगा कि तभी पत्नी ने उसके खुरदरे गाल को चुम्बित कर दिया, ’’इस बार नए साल पर तुमसे एक तोहफ़ा चाहती हूँ...बोलो दोगे...?’’
पत्नी के चेहरे पर जब उसने प्यार का भरपूर सूरज उगे देखा तो फिर अपने को भी रोक नहीं पाया और पत्नी को आलिंगन में जकड़ लिया, ’’बोलो, क्या चाहिए तुम्हें....?’’
‘‘बस यही कि सुबह खिले हुए मिलो...। सुना है नए साल की शुरुआत जैसी होती है, वैसा ही पूरा साल गुजरता है....। मैं चाहती हूँ कि पिछली बार की तरह इस बार सुबह उठते ही तुम मुझसे लड़ो नहीं...। हर बार किसी न किसी बात पर लड़ने की शुरुआत कर ही देते हो....।’’
‘‘मुझे लड़ने का शौक चर्राया है....?’’ उसकी जकड़ अपने आप ढीली पड़ी तो पत्नी कसमसा उठा,’’ नहीं...शौक तो मुझे है।
जब देखो तब चिड़चिड़ा उठते हो.....। अब मैं तुम्हारी कोई बाँदी तो हूँ नहीं जो हर वक्त चाकरी में जुटी रहूँ...।’’
‘‘नहीं जनाब....नौकर तो मैं तुम्हारा हूँ, जो कहती हो, हाजिर कर देता हूँ...।’’ वह ताव में उठ कर बैठ गया तो पत्नी भी उठ बैठी।
‘‘देखो, आधी रात के समय लड़ाई मत शुरू करो....। क्या मैं जानती नहीं कि क्या हो तुम....?’’’
‘‘जानती हो तो क्या कर लोगी तुम? बड़ी आई नए साल का तोहफ़ा लेने वाली...। इन दस सालों में बड़ा जी खुश कर दिया है न जो तुम्हें तोहफ़ों से लाद दूँ.....?’’
‘‘हाँ–हाँ....सुबह जाती हो तो अभी चली जाओ, पर मेरा दिमाग मत खाओ...।’’ पता नहीं अनजाने ही वह कैसे चीख पड़ा तो पत्नी सिसकियाँ भरने लगी।
रात के बारह बज चुके थे। पास ही कहीं नए साल के आगमन पर खुशियों का उजाला कहीं नए साल के आगमन पर खुशियों का उजाला फैला था और संगीत की चहकन से पूरा वातावरण गुंजित हो रहा था पर अंदर उनके कमरे में गहरे अँधेरे का तोहफ़ा उनको मुँह चिढ़ा रहा था...।

 
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