पिता ने सोते समय अपने पुत्र को कहानी सुनाई कि राजा किसी तरह तोते के पास पहुँचने में सफल हो गया। उसने तोते को पिंजरे से बाहर निकाला और झट से उसकी गर्दन मरोड़ दी। तोते के साथ राक्षस भी मर गया। राक्षस जो कि निरपराध लोगों को मारकर खा जाया करता।
पुत्र ने जिज्ञासा प्रकट की, ‘‘पिताजी, राजा ने राक्षस की गर्दन क्यों नहीं मरोड़ी? बेचारे तोते ने उसका क्या बिगाड़ा था?’’
‘‘बेटा, राजा राक्षस से डरता था न। इसलिए।’’ पिता ने उत्तर दिया और सो गया।
परन्तु पुत्र सारी रात नहीं सो सका!