बेटा नवीं कक्षा का छात्र है। एक दिन घर में सभी बैठे हुए थे। बेटा पढ़ रहा था। पढ़ते–पढ़ते ही उसने अपने पिता से एक प्रश्न किया।
–पिता जी, मैं कैसे पैदा हुआ था?
पिता ने कनखियों से माँ को देखा। माँ ने नजर घुमा ली। पास बैठी बेटी को चोर नजरों से देखा जो बारहवीं कक्षा की साइंस की छात्रा थी। उसने नजर पुस्तक में गड़ा दी।
–बेटा तुम देवी का प्रसाद हो। आखिर पिता ने कह ही दिया। माँ ने आँखों ही आँखों में पिता को शाबासी दी। बेटी ने माथे पर हाथ रख लिया।
–इसका अर्थ है पिता जी हमारे विज्ञान के अध्यापक झूठ कहते है? बेटे ने असमंजसता से पूछा।
–क्या कहते हैं बेटा तुम्हारे विज्ञान के अध्यापक?
–उनका कहना है पिता जी कि बच्चा हमेशा माँ के गर्भ से ही पैदा होता है। बेटा एक ही साँस में कह गया।
अब पिता जी खामोश थे। माँ उठ गई थी मगर बेटी ने कहा।
–वे ठीक कहते है भैया।
-0-