आलीशान मकान बनाना उसका जुनून था.....बड़े–बड़े खूबसूरत मकान बनाकर वह खुश होता....इस जुनून ने उसे अपने आप से भी बेगाना कर दिया था...दिन–रात बस वह एक ही चीज सोचता....मकानों का डिजाइन...अच्छे मकान बनाना और फिर उसे दूसरों के हाथ ऊँची कीमत पर सौंप देना उसकी जरूरत बन गई थी.....लेकिन इस जरूरत के बीच अचानक उसे एक दिन अपने घर की याद आई.....वह मकानों के जंगल से निकल कर घर की तरफ लौट पड़ा....पर उसे घर का रास्ता याद नहीं था.....
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