‘‘हे ईश्वर, इतनी कृपा कर अपनी सुधा के लिए कोई होनहार,सुंदर,अमीर घर का लड़का दिला दे, उसके हाथ पीले कर लूँ...! पर भगवान इतना ध्यान रखना लड़का ऐसा ही हो जो बिना दहेज सुधा को अपना ले....चार पैसे तो बचे...।’’
भगवान ने उनकी प्रार्थना सुन ली और उनकी पुत्री सुधा की शादी ऐसे ही युवक से हो गई, जैसा वह चाहते थे....कुछ समय पश्चात् वे फिर से प्रार्थना कर रहे थे....
‘‘हे ईश्वर, इतनी कृपा कर, अपने रमेश के लिए कैसी भी लड़की दिला दे....इसकी भी शादी कर दूं....बिगड़ा है तो क्या हुआ....? पैरों में जंजीर पड़ जाएगी, अपने–आप सुधर जाएगा....। पर भगवान, इतना ध्यान रखना, लड़की ऐसी हो जो खूब दहेज लेकर आए, नकदी लाए..चार पैसे तो बने...।’’