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एक मंत्रीजी ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘सरकार बालकों के कल्याण के लिए बहुत कुछ करना चाहती है। आप लोग ध्यान रखें कि होटलों, दुकानों, कारखानों आदि में कम उम्र के बालकों से काम नहीं लिया जाए। यह कानून के खिलाफ भी है। इसे पूरी शक्ति के साथ रोककर सरकार को सहयोग करें।’’
सभी अधिकारियों ने सहमति प्रकट की। मीटिंग समाप्ति के बाद उन्होंने चपरासी को चाय लाने को कहा।
थोड़ी देर बाद एक बारह वर्ष के दुबले–पतले, फटेहाल मासूम बच्चे ने सब के सामने चाय के कप रख दिए।
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