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‘‘ऐ रतनी! तू आज फिर अपने इन बच्चों को साथ ले आई। देख तो, सारा कालीन गंदा कर दिया है इन्होंने। समझ में नहीं आता, तुम लोगों को तमीज कब आएगी। आज के समय में इतने बच्चे। जरा काबू रखा करो अपने पर।’’
‘‘बस रहने दे बीजी! एकाएक रतनी बोली, ‘‘कसर तो तुमने भी कोई न छोड़ी। बस फर्क इतना है कि मैंने पैदा कर दिए और तुमने गिरा दिए।’’
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