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लघुकथाएँ - देश -सिमर सदोष
पंजाबी पुत्तर
दौर नवाबी था। नवाब का सख्त आदेश था कि शहर में अमन–ओ–अमान को बरकरार रखा जाए। गुण्डा तत्त्वों की शिनाख्त की जाए और शरारत करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए। अमीर–ए–शहर नवाब के आदेशों का पालन कराने के लिए स्वयं शाम को बाजारों में गश्त करते।
एक दिन एक अमीर–ए–शहर ने देखा कि एक नौजवान ने सिर के बालों में खुशबूदार तेल लगाकर, उन्हें ऊपर की ओर उठाए, इठलाते हुए चला जा रहा था। अमीर–ए–शहर ने उसे रोक कर पाँच रुपए जुर्माना ठोक दिया।
कुछ दिन बाद वही युवक पान चबाते हुए पुन: उसी सड़क से गुजारा तो अमीर–ए–शहर ने उसे पचास रुपए जुर्माना करते हुए सख्त हिदायत भी दी कि यदि अब उसने हुक्म का उल्लंघन किया तो उसे नवाब के दरबार में पेश किया जाएगा। वहाँ उसे कैद की सजा भी हो सकती है और जुर्माना तो होगा ही।
अगले कुछ दिन बाद वही युवक जब बाजार से गुजरा, तो न केवल उसने खुशबूदार तेल लगा रखा था, अपितु मुँह में पान की गिलौरी भी दबा रखी थी। यहाँ तक कि उसने गले में रेखमी रूमाल भी बांध रखा था और चलते–चलते गुनगुना भी रहा था। अमीर–ए–शहर उसे पकड़कर नवाब के पास ले गयां । नवाब ने उसके खानदान के बारे में पूछताछ करने के बाद उसे पाँच सौ रुपए जुर्माना अदा करने का हुक्म देते हुए अमीर–ए–शहर से कहा, यदि अब भी यह ऐसी हरकत करे, तो जेल में डाल दिया जाए। लेकिन अगले कई दिन तक वह नौजवान बाजार में नहीं निकला तो अमीर–ए–शहर ने मूँछों को ताव देते हए जैसे खुद से ही कहा–हमने तो बड़े–बडों को सीधा कर दिया.....यह छोकरा क्या चीज है?
कई दिन बाद जब वही नौजवान फिर बाजार से गुजरा तो न उसके बालों में तेल था, न गले में रूमाल और न ही होंठ उसके पान से लाल। मुँह झुकाए बाजार से गुजर रहा था कि अमीर–ए–शहर ने कारिन्दों को हुक्म दिया–लाओ तो मियाँ, जरा इस लड़के को पकड़ कर....पूछें कि कैसे गुजरी है।
कारिन्दों ने हुक्म का पालन किया। वह नौजवान अमीर–ए–शहर के सामने भी सिर झुकाए खड़ा था। अमीर–ए–शहर ने अपने गले को खखारते हुए कहा–क्यों मियाँ, क्या हुआ? क्या बाप–दादा ने पैसे देने से इन्कार कर दिया?
–नहीं हुजूर,बाप–दादा की तो जागीर है...बड़ा पैसा है।
–फिर क्या हुआ.....क्या हमारी सज़ा का इतना असर हुआ कि सारी हेकड़ी भूल गए।
–न जनाब, ऐसा भी नहीं। बाप–दादा का बहुत नाम है। वे चाहते तो नवाब को भी न कर देते, परन्तु....।
–फिर क्या हुआ.....बताओ तो! अमीर–ए–शहर ले थोड़ा खफ़ा होते हुए पूछा!
नौजवान ने पहली बार सिर को ऊपर उठाया और अमीर की आँखों में आँखें डालते हुए कहा–दो ही रात पहले मैं एक लड़की का बाप बन गया हुजूर, इसलिए...।
 
 
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