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लघुकथाएँ - देश -रचना श्रीवास्तव
ज़हर
अभी कुछ महीने हुए थे डेंटन (अमेरिका )आये हुए । आते समय तो बहुत अच्छा लग रहा था नई दुनिया नए सपने । पर अब इस मशीनरी देश में मै स्वयं को बहुत अकेला महसूस करने लगी । मधुर के जाने के बाद तो घर जैसे काटने दौड़ता । शाम को घर से नीचे उतर बस थोडा टहल लेती तो अच्छा लगता । अब तो टहलना मेरा रोज का नियम बन गया था । एक दिन देखा की मेरे नीचे वाले अपार्टमेन्ट में कोई रहने आया एक औरत और उसके साथ एक प्यारी -सी तीन या चार साल की बच्ची थी। अक्सर जब मै टहलने जाती वो बच्ची अपनी खिड़की में खड़ी मुझको देखती रहती और एक प्यारी से मुस्कान के साथ हाय ! कहती । मै भी उसी प्यार से उसका उत्तर देती । कभी- कभी वह मुझे बाहर खेलती मिल जाती । मुझे देख के मेरे पास आती ;पर जैसे ही अपनी माँ को आते देखती तो मुझसे दूर भाग जाती । उसने बताया कि उसका नाम क्रिस्टी है और वो चार साल की है । पापा पास में नहीं रहते हैं । उससे कभी -कभी मिलने आते हैं । जब तक उसकी माँ नहीं आ जाती ,बस वह यही छोटी -छोटी बातें करती रहती । एक दिन जब मै टहलकर वापस आई तो वह जैसे मेरा ही इंतजार कर रही थी । मुझे देखते ही बोली -“आई वान्ट टू सी योर होम । कैन आई कम विथ यू।” मुझे समझ मै नहीं आ रहा था कि क्या कहूँ ; पर उसकी भोली सूरत और मासूम आँखें जिस तरह मुझे देख रहीं थीं; मै उसे मना नहीं कर पाई। पर मन में कहीं संकोच भी था ।अतः जल्दी से घर दिखा कर हम सीढियों पर आकर बैठ गए ।
"आपके घर से कितनी अच्छी खुशबू आरही थी । मुझे बहुत अच्छा लगा । मेरे घर में मम्मी पता नहीं क्या क्या बनाती है अजीब -सी महक आती है" ।
"नहीं क्रिस्टी ऐसे नहीं कहते मम्मी तुम्हारे लिए ही तो बनाती है ।तुम लोग मीट खाते हो न उसी की महक होगी है न "
“हाँ ,आप सही कह रही हैं पर वो महक मुझे अच्छी नहीं लगती ।आपके कपडे मुझे बहुत अच्छे लगते हैं ।इसको क्या कहते हैं ? हाथों मै क्या पहना है? माथे पर क्या लगाया है ?”
इसी तरह से वो बहुत सी बातें पूछती रही और मै उसके छोटे -छोटे भोले सवालों के जवाब देती रही । मैने उसके माथे पर एक छोटी -सी बिंदी भी लगा दी । वह चिड़िया -सी चहक उठी "क्या मै ये रख सकती हूँ" ? बिंदी का पत्ता हाथों में लेकर उसने मुझसे पूछा ।
"हाँ ये तुम्हारे लिए ही है "
तभी उसकी माँ की आवाज आई-“ क्रिस्टी वेयर आर यू?”
क्रिस्टी एकदम सहम गई । उसकी सारी चहक काफूर हो गई ।
वह जाने लगी ;पर उसकी माँ सीढियों पर आ गई । मैने हाय ! कहा पर उसने कोई उत्तर न देकर सिर्फ़ सिर झटक दिया। उसने क्रिस्टी का हाथ पकड़ा , उसके माथे से बिंदी उतारकर फेकते हुए बोली -“तुमको कितनी बार मना किया है! इनसे बात मत किया करो ।ये जादू टोना जानते हैं। ये हाथियों और साँपों के देश से आये है।”
वह न जाने और क्या -क्या बोलती जा रही थी ।क्रिस्टी ने एक बार मुड़कर बेबसी से मेरी ओर देखा ।उसकी मम्मी उसको लगभग खींचते हुए ले जा रही थी।
मुझे समझ में आ गया था कि क्रिस्टी अपनी मम्मी को देख कर भाग क्यों जाती थी ?
 
 
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