गाँव में सााधारी दल के बड़े नेतागण आए हुए थे और बैठक में विचार चल रहा था कि स्वर्गीय रामनरेश जी की पाँचवी बरसी पर उनकी प्रतिमा की स्थापना स्वाभिमान नगर में की जाए। आखिर अब तो रामनरेश जी पार्टी की सरकार बन गई है और उन्होंने जनसेवा का कार्य स्वाभिमान नगर की स्थापना से ही प्रारंभ किया था।
नौ वर्ष पूर्व छोटे मुहल्ले का निर्माण उन्होंने इसी गाँव के भूमिहीन मजदूरों को संगठित कर खाली पड़ी सरकारी जमीन पर उनकी झोपडि़याँ बनवा कर किया था। इलाके के गाँवों में गरीब किसान मजदूरों की लड़ाइयाँ लड़ते हुए ही आखिर एक दिन वे दबंगों द्वारा मारे गए थे।
तय पाया गया कि सरकारी आदेश जारी कराया जाए कि अधिकारी स्वाभिमान नगर की सरकारी जमीन खाली करा कर वहाँ स्व0 रामनरेश जी की प्रतिमा की स्थापना और ग्रामीणों के लिए खेल मैदान के निर्माण की तैयारी चालू करें ताकि समय पर उनकी पाँचवीं बरसी के दिन मुख्यमंत्री जी प्रतिाका अनावरण कर पाएँ।
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