राष्ट्रपति के द्वारा एक हॉल में देश के 1000 बड़े नेताओं को बुलाया गया था। ।क्यों बुलाया गया, उन्हें जानकारी नहीं दी गयी। सभी हॉल में असमंजस की स्थिति में बैठे थे, तभी राष्ट्रपति आए जिनके साथ एक व्यक्ति ट्रॉली पर एक मशीन साथ लाया था। राष्ट्रपति ने माईक हाथ में थाम सभी बड़े नेताओं का अभिवादन करते हुए कहा था- मित्रो, आज
हमने यहाँ एक अत्यन्त गोपनीय सभा का आयोजन किया है और इसका कारण मंच पर रखी यह झूठ पकड़ने वाली मशीन है। आप सभी एक –एक करके इस मशीन पर बनी कुर्सी पर बैठेंगे! सभी मित्रों से यह तीन प्रश्न पूछेगी, जो सिर्फ़ उन्हीं को सुनायी देगा परन्तु यदि किसी ने गलत उत्तर दिया तो मशीन पर लगा लाउडस्पीकर पूछे गए प्रश्न को सभा में सुनाते हुए उनके द्वारा गलत जानकारी देने की घोषणा करेगा। यह स्वचालित मशीन है तो झूठ पकड़ने में शत प्रतिशत सक्षम है।
एक –एक कर सभी नेता आए और चले गए । मशीन से किसी ने एक भी झूठ नहीं बोला।अंत में राष्ट्रपति महोदय फिर आए उनके हाथ में एक पत्र था। उन्होंने बड़े द्रवित स्वर में कहा-सभी से तीन प्रश्न पूछे गए थे,पहला-क्या आप सचमुच देश की सेवा करने के लिए नेता बने हैं? बड़़े दु:ख के साथ बता रहा हूँ कि 997 लोगों ने ‘नहीं’ कहा है। दूसरा प्रश्न
था- क्या आपने भ्रष्टाचार किया है? इसके उत्तर में 997 लोगों ने ‘हाँ’ कहा है। तीसरा प्रश्न था- क्या आपने भ्रष्टाचार होने से रोकने में अपने पद और दायित्व का ईमानदारी से पालन किया है? इसके उत्तर में शत प्रतिशत लोगों ने ‘नहीं’ कहा है।
हॉल में सन्नाटा था। सभी स्तब्ध एक –दूसरे का मुँह देख रहे थे। आक्रोश में भरे सभी राष्ट्रपति को दबी जुबान से पागल और सनकी कह रहे थे कि तभी हॉल में राष्ट्रपति की आवाज गूँजी. मैं आप लोगों को बताना चाहता हूँ कि इस हॉल में आपकी संख्या 999 है। आपके आने से पूर्व मैं भी इसके इन तीन प्रश्नों का उत्तर दे चुका हूँ। उन्होंने हाथ में थामे कागज को लहराते हुए कहा था-‘’मेरे निमंत्रण पर आने के लिए धन्यवाद, आत्मा की आवाज पर मैं आज ही अपना इस्तीफा देने जा रहा हूँ’’, कहते हुए वे हॉल से चले गए । सभी नेता मूर्तिवत् बैठे रह गए थे।
–0–
|