मुहल्ले में एक जमीन खाली पड़ी थी। मुहल्लेवासियों के लिए वह जमीन वरदान थी। इसकी वजह यह थी कि वह पूरे मुहल्ले का एकलौता कूड़ेदान थी। उस उदार जमीन ने कूड़ा–कचरा, डब्बा–तब्बा, पीक–थूक, कुत्ते–सूअर–सभी को सादर शरण दे रखा था। जमीन का मालिक बेपरवाह शख्स था। उसे जमीन की इस उदारता से कोई शिकायत नहीं थी। दुर्भाग्य से उस मुहल्ले में पर्यावरण के एक हिमायती शख्स का पदार्पण हो गया। उसे जमीन की यह दशा नागवार लगी। सड़े–गले कूड़े–कचरों से मुहल्ले का सम्पूर्ण वातावरण दूषित हो रहा था। इससे सभी के स्वास्थ्य का खासा नुकसान हो रहा था। वह व्यक्ति जमीन के मालिक से मिला और उसने प्रस्ताव रखा, ‘‘आप मुझे वह जमीन दे दें। मैं उस पर एक सुन्दर बाग लगाऊँगा। इससे आपकी जमीन सुरक्षित हो जाएगी। आप भी वहां जब–तब आकर बाग का आनन्द ले सकेंगे।’’
जमीन–मालिक को इस प्रस्ताव में जमीन का बेहतर इस्तेमाल प्रतीत हुआ। उसने हामी भर दी।
कुछ ही दिनों में उस जमीन की सफाई कर दी गई। जमीन के चारों ओर बाड़ खड़े कर दिए गए। जमीन पर कई क्यारियाँ कतारबद्ध होकर सज गईं और देखते–ही–देखते उन क्यारियों में लाल–पीले–गुलाबी फूल लहराने लगे। उन फूलों की सुगंध से मुहल्ला सुवासित हो गया।
मगर इस क्रांतिकारी परिवर्तन से घरों से कूड़ों का निकास बंद हो गया। मुहल्लेवाले परेशान हो गए कि अपने–अपने कूडों को अब कहाँ निपटाएँ । आखिर सभी ने जमीन के मालिक से मुलाकात की। उन्होंने जमीन–मालिक को चेताया, ’’जनाब, यह आपने क्या किया ? ईस्ट इंडिया कंपनी ऐसे ही प्रलोभन देकर आई थी और कालांतर में अंग्रेजों को इस देश का शासक बनाने में कामयाब हो गई। आप क्या यही चाहते हैं ?’’
जमीन–मालिक जैसे नींद से जागे। उनपर ईस्ट इंडिया का हवाला असरदार रहा। वे फौरन पर्यावरण वाले भाईसाहब से मिले और उन्होंने अल्टीमेटम दे दिया, ‘‘दो दिनों में अपना बाग लेकर चलते बनिए, वरना खैर नहीं।’’
पर्यावरण बंधु ने पूछा, ‘‘किसकी खैर नहीं ? मेरी या पर्यावरण की ?’’
जमीन–मालिक ने कहा, ‘‘तुम्हारे नापाक इरादे की।’’
पर्यावरण भाई समझाते रहे। मगर जमीन–मालिक के कान पर जूँ न रेंगी। आखिर एक दिन ज़मीन मालिक ने बाड़ गिरा दिए और पूरा बाग उजाड़ दिया। घरों में कई दिनों से जाम पड़े कूड़ा–करकट धड़ाधड़ करके उस बाग में गिरने लगे। ध्वस्त बाग कूड़ों के अंबार से फिर बजबजा गया। जमीन–मालिक ने जमीन की पुरानी दशा बहाल देखी तो उन्हें बड़ा सुकून हुआ। उन्हें लगा, उनकी जमीन पुन: सुरक्षित हो गई है।
-0-
|