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लघुकथाएँ - देश -डॉ हरदीप कौर सन्धु
खूबसूरत हाथ

एक दिन अध्यापक ने दूसरी कक्षा के बच्चों को उनकी सबसे अधिक प्यारी किसी वस्तु का चित्र बनाने के लिए कहा। किसी ने सुंदर फूल बनाया तो किसी ने रंग- बिरंगी तितलियाँ । कोई सूर्य , चाँद , सितारे बनाने लगा तो कोई अपना सुंदर खिलौना । कक्षा के एक कोने में बैठी करमो ने बदसूरत से दो हाथ बनाए। अध्यापक हैरान होकर पूछा, " ये क्या बनाया ? हाथ ! किसके हैं ये हाथ ?"
‘’ये दुनिया के सबसे खूबसूरत हाथ हैं, मेरी माँ के हाथ हैं ये ।‘’
‘’तुम्हारी माँ क्या करती है?
‘’वह मज़दूरिन है । दिन भर सड़क पर पत्थर तोड़ने का काम करती हैं " करमो ने सिकुड़ते हुए उत्तर दिया ।
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