आज अचानक दो वर्षों बाद मेल बॉक्स पर उसका मेल देखकर हैरानी हुई।कुछ यूँ रहा बातों का सिलसिला …।
हैप्पी न्यू इयर …… कैसी हो? इस धरती पर हो या नहीं ?
यही मै भी पूछ सकती हूँ ।……
काम के सिलसिले में लम्बे अरसे से आउट ऑफ़ स्टेशन था ।
फिर आज इस नाचीज को कैसे याद किया ?
बस तुम्हारी बनाई कढ़ी याद आ रही थी ।
ओह ! अपने स्वार्थ से याद कर रहे थे । कोई बात नहीं सुर,नर ,मुनि सबकी यह रीति ।
उफ़ व्यंग्य करने में तो तुम्हे महारत हासिल है।
तुमने कौन सा मुझे याद किया?
मैंने रेड वाइन मिस किया ।
तुमने रेड वाइन मिस किया ? मुझे नहीं ?
हाँ, वैसे ही जैसे तुमने कढ़ी मिस की, मुझे मिस नहीं किया?
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