गतिविधियाँ
 
 
   
     
 
  सम्पर्क  
सुकेश साहनी
sahnisukesh@gmail.com
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
 
 
 
लघुकथाएँ - देश - तरसेम गुजराल
कोशिश

मुझे यह गवारा न था कि चिड़िया मेरे गेट पर लगे लैटर–बॉक्स में घोंसला बना ले, परंतु चिड़िया ने ऐसा ही किया। मैंने दूसरे दिन जितने भी तिनके और डोरियाँ लैटर–बॉक्स में जमा थे, निकाल कर सब फेंक दिए।
दूसरे दिन किसी मित्र का खत देखने के लिए लैटर–बॉक्स में झाँका तो उनमें उतनी ही मात्रा में तिनके और डोरियाँ वगैरह फिर जमा थे। मैंने दुबारा झुँझलाकर निकाल फेंके। फेंक चुकने पर मुझे ध्यान आया कि यहाँ से चिड़िया फिर लैटर–बॉक्स भर देगी इसलिए इन्हें थोड़ा दूर फेंकना चाहिए और तिनके वगैरह बटोर कर मैंने गली के मुहाने के कूड़ेदान में फेंक दिए।
अगले दिन चिड़िया ने ज्यादा मुस्तैदी से लैटर–बॉक्स में घोंसला जमा दिया था। मैंने दुबारा गुस्से में निकाल कर फेंक दिया। इसकी प्रतिक्रिया देखने के लिए मैंने शाम को लैटर बॉक्स में झाँका। घोंसला फिर तैयार था।
मैने घर में कह दिया कि वे डाकिए से कह दें कि कुछ दिनों के लिए चिट्ठियाँ लैटर–बॉक्स में नहीं डाले।
-0-

 
 
Developed & Designed :- HANS INDIA
Best view in Internet explorer V.5 and above