गतिविधियाँ
 
‘उन्नीसवाँ अंतर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन, 2010’ सम्पन्न
 
   
     
 
  सम्पर्क  
सुकेश साहनी
sahnisukesh@gmail.com
रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
rdkamboj@gmail.com
 
 
 
‘उन्नीसवाँ अंतर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन, 2010’ सम्पन्न

पंजाबी त्रैमासिक पत्रिका ‘मिन्नी’ एवं पंजाबी साहित्य अकादमी, लुधियाना के संयुक्त तत्त्वाधान में 19वां अंतर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन 23 अक्तूबर 2010 को पंचकूला(हरियाणा) में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. मुक्ता (निदेशक, हरियाणा साहित्य अकादमी), श्री सी.आर. मोदगिल (निदेशक, हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी), श्री विजय सहगल, (पूर्व संपादक, दैनिक ट्रिब्यून), श्री सुरिन्दर कैले, उपाध्यक्ष, पंजाबी साहित्य अकादमी, लधियाना), श्री सूर्यकांत नागर(हिंदी कथाकार, इन्दौर) एवं श्री सुकेश साहनी(हिंदी कथाकार, बरेली) ने की। कार्यक्रम के आरंभ में चंडीगढ़ से पधारे लेखक रतन चन्द ‘रत्नेश’ ने इस समारोह में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत किया। तदुपरांत, पंजाबी लघुकथा लेखक श्री श्याम सुंदर अग्रवाल(कोटकपूरा) ने समारोह के उद्देश्य और पिछले समारोहों के संबंध में प्रकाश डाला। प्रथम सत्र में कोटा से पधारे हिंदी के प्रख्यात लघुकथाकार श्री भगीरथ द्वारा ‘लघुकथा के आइने में बालमन’ शीर्षक से आलेख पढ़ा गया जो सुकेश साहनी तथा श्री रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ द्वारा संपादित लघुकथा संग्रह ‘बाल मनोवैज्ञानिक लघुकथाएँ’ में संगृहीत लघुकथाओं को केन्द्र में रखकर लिखा गया था। दूसरा आलेख श्यामसुंदर दीप्ती, श्यामसुंदर अग्रवाल व बिक्रमजीत ‘नूर’ द्वारा पंजाबी में संपादित बाल मनोविज्ञान पर आधारित लघुकथा संकलन ‘साऊ दिन’ पर पंजाबी के प्रख्यात आलोचक डा. अनूप सिंह(बटाला) ने ‘साऊ दिन’ मिन्नी कहाणी दी पुखतगी वल्ल कदम’ शीर्षक से पढ़ा। दोनों आलेखों में उक्त पुस्तकों में संकलित लघुकथाओं का सूक्ष्म और गंभीर विश्लेषण करने की कोशिश करते हुए बाल मनोविज्ञान और बाल मानसिकता को जानने-समझने तथा इस विषय पर साहित्य सृजन करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। श्री सुभाष नीरव(दिल्ली) एवं श्री मक्खन सिंह(नडाला, पंजाब) ने चर्चा के दौरान ऐसी पुस्तकों के प्रकाशन की प्रासंगिकता, उसके महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए इन कार्यों की प्रशंसा की। इस संबंध में सुकेश साहनी और सुरेन्दर कैले ने भी अपने विचार प्रकट किए। इस सत्र में ‘मिन्नी कहाणी लेखक मंच अमृतसर’ द्वारा आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए तथा ‘साऊ दिन’(सं. दीप्ती, अग्रवाल, नूर), ‘भारत का हिंदी लघुकथा संसार (सं. डा. रामकुमार घोटड़), ‘आओ जिउन जोगे होइए’(सं. जगदीश राय कुलरिया, संदीप कुमार), ‘ठंडी तत्ती रेत’(कविता संग्रह -हरभजन खेमकरनी) पुस्तकों के साथ-साथ ‘मिन्नी’ पत्रिका के अंक 89 का भी विमोमन किया गया।
सम्मेलन के दूसरे सत्र में हिंदी के सुपरिचित लेखक श्री सुरेश शर्मा( इन्दौर) एवं श्री रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’(दिल्ली) को लघुकथा क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों पर ‘माता शरबती देवी स्मृति पुरस्कार-2009’ तथा ‘माता शरबती देवी स्मृति पुरस्कार-2010’ से सम्मानित किया गया। लघुकथा लेखन के साथ-साथ उसके संवर्द्धन एवं विकास के लिए दिए गए महत्त्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखते हुए किसी एक लेखक को हर वर्ष दिया जाने वाला यह गरिमामय सम्मान पंजाबी लघुकथाकार और ‘मिन्नी’ के संपादक श्री श्यामसुंदर अग्रवाल द्वारा अपनी माता जी की स्मृति में दिया जाता है। इसी अवसर पर डा. रूपदेव गुण को ‘श्री बलदेव कौशिक स्मृति सम्मान’, डा. अनूप सिंह को ‘प्रिंसिपल भगत सिंह सेखों स्मृति सम्मान’ तथा श्री नायब सिंह मंडेर को ‘श्री गुरमीत हेयर स्मृति सम्मान’ से नवाजा गया।
इसी सत्र में हिंदी-पंजाबी के बत्तीस लेखकों द्वारा लघुकथाओं का पाठ हुआ जिसमें अशोक दर्द और विजय उपाध्याय(डलहौजी), रतनचंद निर्झर(बिलासपुर), ऊषा मेहता दीपा(चम्बा), डा. पूनम गुप्त(पटियाला), डा. रामकुमार घोटड़(चूरू, राजस्थान), भूप सिंह बलडोदिया (रिवाड़ी), श्रीमती सुदर्शन रत्नाकर(फरीदाबाद), डा. शशि प्रभा, अनन्त शर्मा ‘अनन्त’, कुमार शर्मा ‘अनिल’, सुशील हसरत, नरेलवी(सभी चंडीगढ़ से) आदि ने हिंदी में तथा बेबी नीहारिका अग्रवाल, अश्विनी खुडाल, एम. अनवार अंजुम, सतिपाल खुल्लर, स्वर्ण सिंह ‘पतंग’, डा. साधू राम लंगेआणा, हरप्रीत सिंह राणा, डा. करमजीत सिंह नडाला, कँवलजीत ‘भोला’, जसपाल पंजगराईं, जसबीर ढंड, जसवीर भलूरिया, जगदीश राय कुलरीआँ, नायब सिंह मंडेर, बूटा राम, रशीद अब्बास,रणजीत आज़ाद काँझला, डा. राजवीर भलूरिया, राजिंदर सिंह ‘बेगाना’ और विवके ने पंजाबी में लघुकथाएँ पढ़ीं। हिंदी लघुकथाओं पर सुकेश साहनी, सुभाष नीरव, डा. वीरेन्द्र मेंहदीरत्ता, भगीरथ तथा पंजाबी लघुकथाओं पर निरंजन बोहा, कुलदीप सिंह दीप एवं डा. अनूप सिंह ने अपने विचार प्रकट किए। हरियाणा साहित्य अकादमी की निदेशक डा. मुक्ता एवं हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी के निदेशक श्री सी.आर. मोदगिल ने अपने वक्तव्यों में ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता और सार्थकता को रेखांकित करते हुए इस सन्दर्भ में दोनों अकादमियों द्वारा किए गए प्रयासों की चर्चा की।
इस अंतर्राज्यीय सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली व हिमाचल प्रदेश से आए हिन्दी-पंजाबी के करीब सौ से अधिक लेखकों ने जिनमें श्याम सुंदर दीप्ति (अमृतसर), पवन शर्मा (छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश), श्रीमती दीप्ति, श्रीमती ललिता अग्रवाल, डा. सुभाष रस्तौगी, डा. इन्दु बाली, लक्ष्मी रूपल, मनोज सिंह, डा. शील कौशिक(सिरसा, हरियाणा) आदि भी उपस्थित थे, जिस उमंग और उत्साह में भरकर हिस्सा लिया, वह भी अपने आप में एक मिसाल कही जा सकती है।
-0-
प्रस्तुति-सुभाष नीरव

 
 
 
Developed & Designed :- HANS INDIA
Best view in Internet explorer V.5 and above